एक देश एक राशन कार्ड योजना: One Nation One Ration Card, जून 2020 से आरंभ

एक देश एक राशन कार्ड योजना: One Nation One Ration Card, जून 2020 से आरंभ

जन वितरण प्रणाली के तहत भारत देश में रहने वाले 81 करोड़ लोगों को रियाती दरों पर अनाज उपलब्ध कराने की प्रक्रिया सोमवार अर्थात 1 जून से आरंभ हो चुकी है। 1 जून से देश में 20 राज्यों एवं केंद्र शासित राज्यों में वन नेशन वन राशन कार्ड की व्यवस्था लागू कर दी गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज में से एक छोटा सा भाग देश में जन वितरण प्रणाली के लिए भी लागू किया था। 20 लाख करोड़ का यह पैकेट देश के प्रत्येक राज्य को व्यवस्थित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित किया गया था।

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खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट करके इस योजना की जानकारी दी थी कि 81 करोड़ एन एफ एस ए लाभार्थियों को देश में रियायती दरों पर राशन प्रदान करने की सुविधा चलाई जाएगी। मोदी 2.0 सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि में से एक वन नेशन वन राशन कार्ड प्रक्रिया देश में लागू कर दी गई है। इस प्रक्रिया में 1 जून तक देश के 20 राज्य जोड़ दिए गए हैं जो लगभग मार्च 2021 तक जुड़े रहेंगे।

इस योजना का आरंभ 1 जनवरी को देश के 12 राज्यों को मिलाकर किया गया था उसके बाद केंद्रीय मंत्री पासवान ने इसे 20 राज्यों को जोड़ने के लिए जारी कर दिया।

सस्ती दरों पर मिलता है अनाज

राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम 2013 के अनुसार देश के 81 करोड़ लोगों को इस जन वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य पर सरकारी दुकानों से गेहूं और चावल के साथ-साथ अन्य राशन के सामान की प्राप्ति भी होती है।

इस योजना में किसे मिलेगा लाभ

कोरोनावायरस के महाकाल के दौरान वन नेशन वन राशन कार्ड की योजना के तहत प्रवासी मजदूरों जो दूसरे राज्यों में अब भी फंसे हुए हैं उन्हें कम रेट पर इस योजना से राशन प्राप्ति में आसानी होगी।

लाभार्थियों की पहचान

इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा पीडीएस लाभार्थियों की पहचान करके उन्हें चिन्हित किया जाएगा और आधार कार्ड पर मौजूद इलेक्ट्रिक पॉइंट ऑफ सेल की मदद से इस योजना का लाभ और लाभार्थियों को प्रदान किया जाएगा।

राज्यों में पूरी हुई प्रक्रिया

17 राज्यों में प्रक्रिया आरंभ होने के बाद इसमें अन्य तीन राज्य भी जोड़ दिए गए जिनमें सिक्किम उड़ीसा और मिजोरम शामिल किए गए। इस योजना से केंद्र सरकार गरीब लोगों को राशन प्रदान करने का काम करने वाली है। इस योजना में लगभग 3500 करोड़ रुपए का खर्च राशि सरकार ने जारी की है। इस योजना के तहत महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दमन द्वीप, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, कर्नाटक, राजस्थान, त्रिपुरा और तेलंगाना समेत बाकी राज्यों में भी काम आरंभ कर दिया गया है। इस योजना में छपने वाले राशन कार्ड 2 भाषा में प्रिंट किए गए जिनमें एक हिंदी भाषा और दूसरी राज्य की लोकल भाषा शामिल की गई।

इस योजना की मदद से अन्य राज्यों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को कम से कम भोजन की प्राप्ति तो हो पाएगी। ताकि वे अपने घर वापस ना जाने की स्थिति में एक जगह पर रहते हुए अन्य की प्राप्ति कर सके और अपना भरण-पोषण करने में सक्षम हो पाए।

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